Friday, April 19, 2024

Communal Agenda

साझा विरासत स्थल और सांप्रदायिक एजेंडा

सन 1992 के छह दिसंबर को भारत में किसी भी विरासत स्थल पर सबसे बड़ा संगठित हमला हुआ था। यह हमला राज्य और उसके बल की मौजूदगी में हुआ। रामलला की मूर्तियाँ बाहर निकाली गईं और एक अस्थायी मंदिर...

क्या भारतीय फासीवाद की जड़ें यहां के पूर्व आधुनिक समाज में निहित हैं?

भाजपा लगातार दो आम चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर सत्ता में आई तथा देश में जब संघ परिवार का हिन्दुत्व का एजेंडा लागू किया जाने लगा, तब ढेरों समाजशास्त्रियों, लेखकों और अनेक दलों ने इसे बिलकुल द्वितीय महायुद्ध...

न्यायाधीश बहुसंख्यकवादी दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहे हैं: जस्टिस ए पी शाह

दिल्ली हाइकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ए. पी. शाह ने कहा कि बुलडोजर आज शक्ति का प्रतीक बन गया है, जिसे कानूनी मंजूरी या अधिकार के बिना इस्तेमाल किया जाता है। निर्दोष लोगों की जिंदगियां और आजीविकाएं खत्म की...

ज्ञानवापी के सांप्रदायिक एजेंडे पर सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा

भले ही मोदी सरकार ने न्यायपालिका पर लगातार हमले करने के लिए कुख्यात अपने कानून मंत्री किरेन रिजिजू को हटा दिया हो पर सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा अभी भी सरकार के सांप्रदायिक एजेंडे पर चल रहा है। 2024 के...

कर्नाटक चुनाव: ‘हिंदुत्व की प्रयोगशाला’ में इस बार ‘विकास’ और ‘राष्ट्रवाद’

नई दिल्ली। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, भाजपा चुनावी मैदान में पस्त होते नजर आ रही है। भाजपा ने 2018 के चुनाव में राज्य में कांग्रेस शासन (2013-2018) के दौरान...

सांप्रदायिक एजेंडे की खातिर इतिहास से छेड़छाड़ कर रहे मोहन भागवत!

सन् 2018 में दिल्ली के विज्ञान भवन में अपने व्याख्यानों की श्रृंखला में आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया था उससे कुछ समीक्षकों को लगा था कि आरएसएस में क्रांतिकारी परिवर्तन हो...

अन्नदाता को बदनाम करने की जगह कानून वापस ले सरकारः एआईपीएफ

लखनऊ। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने कहा है कि मोदी सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने और उसके दमन पर उतर आई है। राष्ट्रीय समिति के प्रस्ताव में मोदी सरकार की सख्त आलोचना की गई। प्रस्ताव में कहा गया...

दिल्ली चुनाव नतीजों के बाद केजरीवाल का सॉफ्ट हिंदुत्व चुनने की मजबूरी

दिल्ली चुनाव नतीजों का विश्लेषण करने वाले लगभग सभी लोग इस बात पर सहमत हैं कि अरविंद केजरीवाल के काम को जीत मिली है, लेकिन केजरीवाल ने चुनाव जीतते ही उसे नकार दिया है। दिल्ली की जनता ने भाजपा...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।