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बीच बहस

सेपियन्स : सितमगर को मसीहा बताने की हरारी की मक्कारी

युवाल नोह हरारी की बहु-प्रचारित किताब `सेपियंस` पढ़कर एक टिप्पणी।  “मध्य युग के कुलीन सोने और रेशम के रंग-बिरंगे लबादे पहनते थे और अपना ज़्यादातर [more…]

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संस्कृति-समाज

साम्यवाद ही क्यों? : राहुल सांकृत्यायन

आज दुनिया एक वैश्विक महामारी का सामना कर रही है। पूरी दुनिया के सभी संसाधनों पर क़ब्जा करने के लिए लार टपका रही और अपने [more…]

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ज़रूरी ख़बर

पूंजीवादी महामारी को समाजवाद की खुराक

कोरोना संकट ने पूरे विश्व में सिर्फ और सिर्फ लाभ अर्जन की प्राथमिकता वाले पूंजीवादी ढांचे को बुरी तरीके से हिला दिया है। इसमें कोई [more…]