Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

इस देश को तुम किस ओर ले जा रहे हो?

होठों पर सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है। हम उस देश के वासी हैं, जहां गंगा बहती है। इंसान का इंसान से [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

हमारा संविधान, सुप्रीम कोर्ट और समाजवाद की परिभाषा

भारतीय संविधान की उद्देशिका से ‘‘समाजवाद’’ की संज्ञा को हटाने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, 22 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश ने [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

भारत में गणतंत्रवाद के मायने भाग-2: भारत का नया संविधान कौन, कैसे बना सकता है?

यह उल्लेख करना गैर-मुनासिब नहीं होगा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान 1998 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भरी विधान सभा [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

भारत में गणतंत्रवाद के मायने भाग-1: आम लोग नहीं आरएसएस के लोग डरते हैं भारत के संविधान से

भारत का संविधान पूरी तरह से 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे हम नागरिक अपना गणतंत्र दिवस कहते हैं। साफ है कि [more…]

Estimated read time 1 min read
संस्कृति-समाज

धर्म के नाम पर ऐ दोस्‍त मत ऐसा करो

जब हम किसी को अच्‍छा काम करते देखते हैं तो अक्‍सर कहते हैं कि आप धर्म-पुण्‍य का काम कर रहे हो, अच्‍छा है। धर्म-पुण्‍य यानी [more…]

Estimated read time 1 min read
ज़रूरी ख़बर

संविधान दिवस के शोरगुल में भ्रमित न हों

भारत का संविधान जिसे आधिकारिक रूप से 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। पहली बार संविधान दिवस डॉ. गौर की जयंती 26 नवंबर 2015 [more…]

Estimated read time 2 min read
संस्कृति-समाज

बात-बेबात: हम लोगों को समझ सको तो…

हाल ही में उन से एक मित्र के यहां एक आयोजन में अचानक मुलाकात हो गई। खाना खाते समय संयोग से हम एक ही टेबल [more…]

Estimated read time 2 min read
ज़रूरी ख़बर

मुठभेड़ की राजनीति और लोकतंत्र में मनमानापन

व्यापार और राजनीति दोनों ही ‘लुका-छिपी का खेल’ है, लेकिन जब राजनीति व्यापार हो जाये और व्यापार राजनीति तब लुका-छिपी के हाल का अनुमान लगाना [more…]

Estimated read time 4 min read
ज़रूरी ख़बर

मुल्क की हवा में इतने कील-कांटे कि गुब्बारा उड़ते ही फट जाता है

अपनी जात पूछने जैसे अपमान को परे झटककर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जब संसद में दहाड़ते हुए जब उसी सदन में जातिवार जनगणना करवाये [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

वि-उपनिवेशीकरण के हथियार से हिंदू राष्ट्र बनाने की साजिश रच रहा आरएसएस ?

आरएसएस बौद्धिक रूप से काफी बदल गया है और बदलने जा रहा है। अब वह सिर्फ हेडगेवार और गोलवलकर की किताबों पर ही निर्भर नहीं [more…]