पुण्यतिथि विशेष: मौजूदा दौर में और भी प्रासंगिक हुए डॉ. अंबेडकर
आज के दौर में जब सामाजिक-आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लोकतंत्र और संविधान संकट में हैं। समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्दों पर सवाल उठने लगे [more…]
आज के दौर में जब सामाजिक-आर्थिक असमानता बढ़ रही है। लोकतंत्र और संविधान संकट में हैं। समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्दों पर सवाल उठने लगे [more…]
6 दिसंबर की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर बैठे योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक बेहद उत्तेजक बयानबाजी में कहा है कि [more…]
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने दलित वंचित वर्ग के लिए समता, समानता, न्याय तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए राजनीति को ‘मास्टर की’ कहा था। कमोबेश [more…]
“सभ्यता का क्षय बाहरी आक्रमण के बनिस्पत उसकी आंतरिक विफलताओं से अधिक होता है।” (डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया, पृ. 284) “मैंने स्वतंत्रता का विश्लेषण किया और हमारे [more…]