Tag: death
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कोविड-19 से निपटने में भारत की नाकामियां राजनीतिक से ज्यादा सामाजिक क्यों हैं?
पिछले दिनों पूरी दुनिया ने देखा। अमेरिका के बाद यूरोप ने भी नस्लभेद-रंगभेद के विरुद्ध झंडा उठा लिया। महामारी के दौर में ये दोनों महाद्वीप अंदर से बदलते-संवरते नजर आ रहे हैं। एक तरफ लोग ज़िंदगी बचाने की जंग लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ वे अपने समाज को पहले से बेहतर, सभ्य और सुसंगत…
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भारत-चीन सीमा पर झड़प में तीन सैनिकों की मौत!
नई दिल्ली। लद्दाख से जुड़ी भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में तीन भारतीय सैनिकों की मौत हो गयी है। घटना गलवान घाटी में हुई है। 1975 के बाद एलएसी पर यह पहली भिड़ंत की घटना है। मरने वालों में एक अफसर और दो सैनिक हैं। इसकी जानकारी रक्षा विशेषज्ञ अजय…
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सुशांत राजपूत की आत्म हत्या के प्रसंग में : अवसाद, अहम् और आदर्श के सवाल
किसी भी अवसादग्रस्त आदमी के साथ एक चरण में जा कर ऐसा होता है कि उसे अपने चारों ओर की अन्य सारी आवाजें सुनाई देना बंद हो जाती हैं। वह जैसे खुद में ही कैद हो जाता है। किसी और का उसके अंदर कोई स्थान नहीं रह जाता है। खुद में ही सवाल-जवाब करता है…
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क्या अब कोविड-19 का इस्तेमाल जनसंख्या घटाने के टूल के तौर पर होने लगा है?
कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। अब तक 80 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि करीब साढ़े चार लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है। अनुमान है कि 5 करोड़ लोगों की मौत कोविड-19 से होगी इसका इलाज आते-आते। अब ये अनुमान है या टारगेट बात इसी…
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा- आखिर ओपीडी क्यों बंद की?
लखनऊ/ प्रयागराज। ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एसआर दारापुरी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने योगी सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि आखिर कोविड 19 महामारी के दौरान सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी क्यों बंद की गयी? याचिका में आईपीएफ ने उत्तर प्रदेश…
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सीमा विवाद के बीच फायरिंग: यह सब भारत-नेपाल संबंध के लिए बुरा संकेत है
यह सच है कि शुक्रवार की सुबह ‘नेपाल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स’ की गोली से एक भारतीय की मौत हो गयी है और दो अन्य घायल हो गये हैं। मगर सहमति इस बात पर नहीं है कि आखिर नेपाली सिपाहियों को गोली क्यों चलानी पड़ी? क्या इस घटना को नेपाली सिपाहियों की “ज्यादती” कहना उचित है?…
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कोविड के भ्रामक आंकड़े, भारतीय मध्य-वर्ग और पत्रकारिता
दुनिया में जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो नागरिकों के दमन की ख़बरें सबसे ज्यादा केन्या व अन्य अफ्रीकी देशों से आईं। उस समय ऐसा लगा था कि भारत का हाल बुरा अवश्य है लेकिन उन गरीब देशों की तुलना में हमारे लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं। हमें उम्मीद थी कि हमारी सिविल सोसाइटी, जो…
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सुप्रीम कोर्ट ने लगायी दिल्ली सरकार को फटकार! कहा-कचरे के ढेर से मिली लाशें बताती हैं जानवरों से भी बदतर हो रहा मरीजों से सलूक
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना के मरीजों के इलाज में लापरवाही और लाशों के साथ हो रहे सलूक के मामले में शुक्रवार को सख्त रुख अपनाया। न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर लाशें कचरे के ढेर में मिल रही हैं तो इंसानों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा…
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कोविड 19 : हिंदी पट्टी में कोई सवाल क्याें नहीं है?
फरवरी, 2020 में जब अखबारों में दुनिया में एक नए वायरस के फैलने की सूचना आने लगी और मेरे सहकर्मियों के बीच इसकी चर्चा होने लगी तो मैंने इन खबरों के संबंध में प्रमाणिक सूचनाएं पाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट का रूख किया था। यह वह समय था, जब हम मज़ाक-मज़ाक में…