‘ऐ वतन मेरे वतन’ का संदेश
हम दिल्ली के कुछ साथी ‘समाजवादी मंच’ के तत्वावधान में अल्लाह बख्श की याद में एक सालाना कार्यक्रम करते थे। अनिल नौरिया के सुझाव पर [more…]
बाबू जगदेव प्रसाद जी का समय और समाज, दोनों जिन विडंबनाओं से गुजरे हैं और उन्होंने जिस वैचारिकी की नींव आजादी के बीस साल बाद [more…]
लेखक- डॉ. प्रेम सिंह (राम पुनियानी ने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह के मौके पर – ‘हाउ टू रिवाइव द स्पिरिट ऑफ़ क्विट इंडिया [more…]
98 वर्षीय डॉ. जीजी परीख 9 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल थे। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त के भाषण में हिन्दू-मुस्लिम एकता [more…]
सिविल सोसाइटी की अहमियत राजनीतिक दलों से ऊपर है। अन्य देशों में इसे प्रेशर ग्रुप के नाम से लोकतंत्र का सबसे प्रभावशाली टूल माना गया [more…]