बाबू जगदेव प्रसाद जी का समय और समाज, दोनों जिन विडंबनाओं से गुजरे हैं और उन्होंने जिस वैचारिकी की नींव आजादी के बीस साल बाद ही रख दी, उनके निहितार्थ और प्रयोग के साधनों पर विमर्श किया जाना जरूरी...
लेखक- डॉ. प्रेम सिंह
(राम पुनियानी ने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह के मौके पर - 'हाउ टू रिवाइव द स्पिरिट ऑफ़ क्विट इंडिया मूवमेंट' - (पीपल्स वाइस, 21 अगस्त 2017) लेख लिखा। लेख का हिंदी अनुवाद भी...
98 वर्षीय डॉ. जीजी परीख 9 अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल थे। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त के भाषण में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अपील करते हुए घोषणा की थी कि देश का हर नागरिक आज के...
सिविल सोसाइटी की अहमियत राजनीतिक दलों से ऊपर है। अन्य देशों में इसे प्रेशर ग्रुप के नाम से लोकतंत्र का सबसे प्रभावशाली टूल माना गया है। राजनीतिक दल अपनी नीतियां घोषित करते हैं तथा सरकार मिलने पर उन नीतियों...