Thursday, April 25, 2024

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घोड़े की गर्दन पर किसानों की गिरफ्त!

प्रत्येक व्यवस्था की अपनी अन्तर्निहित गतिकी (डाइनामिक्स) होती है, जिसके सहारे वह अपना बचाव और मजबूती करते हुए आगे बढ़ती है। भारत में निजीकरण-निगमीकरण के ज़रिये आगे बढ़ने वाली नवउदारवादी/वित्त पूंजीवादी व्यवस्था, जिसे नव-साम्राज्यवाद की परिघटना से जोड़ा जाता...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...