48 वर्षीय फैसल खान ने अपनी सारी जिंदगी सांप्रदायिक सद्भावना के काम के लिए लगा दी है। लोगों के बीच में शांति और सौहार्द बना रहे, इसके लिए न जाने उन्होंने कितनी यात्राएं की हैं, सिर्फ भारत के अंदर...
कैसे कैसे मंज़र सामने आने लगे हैंगाते गाते लोग चिल्लाने लगे हैंअब तो इस तालाब का पानी बदल दोयहां के फूल अब कुम्हलाने लगे हैं-दुष्यंत कुमार
सत्तर के दशक के मध्य में गुजर गए जानेमाने कवि और गज़लकार दुष्यंत की...
हमारे देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर राजनीतिक रोटियां लंबे समय से सेंकी जा रही हैं, पर जब से देश में मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी है तब से हिंदू-मुस्लिम के नाम पर समाज में नफरत...