‘शहरयार’ मरते वक्त नितांत अकेला था
गोपाल कृष्ण नहीं रहे। उन्हें मरना ही था। वो पिछले पांच बरस से मर रहे थे आहिस्ता-आहिस्ता। यह एक धीमी आत्महत्या थी। उनकी मौत मौजूदा [more…]
गोपाल कृष्ण नहीं रहे। उन्हें मरना ही था। वो पिछले पांच बरस से मर रहे थे आहिस्ता-आहिस्ता। यह एक धीमी आत्महत्या थी। उनकी मौत मौजूदा [more…]
बीती शताब्दी के नवें दशक की बात है। ‘पढ़ाई-लिखाई’ खत्मकर बेरोजगार घूम रहा था और कई मीडिया संस्थानों में खासा बढ़िया इंटरव्यू देने के बावजूद [more…]
अयोध्या शहर में भारतीय जनता पार्टी के कमल छाप झंडों की भरमार है और जगह-जगह पर हनुमान की आक्रामक मुद्रा वाले ध्वज भी फहरा रहे [more…]
बीजेपी ने देश में सत्ता की सीढ़ियां अयोध्या को पायदान बना कर तय कीं। और जयश्री राम को उसने अपना केंद्रीय नारा बना लिया। यह [more…]