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बीच बहस

लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य

वी-डेम इंस्टीट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है कि “यह रेखांकित करते हुए कि लोकतंत्र के [more…]

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राजनीति

फासीवाद के खिलाफ निर्णायक संघर्ष में सभी लोकतांत्रिक ताकतों की संघर्षशील एकता समय की मांग

सदी का यह तीसरा दशक चार ऐतिहासिक घटनाओं के लिए याद किया जा रहा है। 20 वीं सदी के इसी दशक में गांधी ने कांग्रेस [more…]

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बीच बहस

गेस्टापो की तरह काम कर रही है एनआईए

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वर्साय की संधि की अपमानजनक शर्तों ने जर्मन लोगों की गरिमा छीन ली थी। इस संधि ने देश की संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता को समाप्त [more…]

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राजनीति

देवरस का इमरजेंसी पत्र-2: जेपी आंदोलन से नहीं है संघ का कोई रिश्ता

नई दिल्ली। आरएसएस के तत्कालीन सरसंघचालक बालासाहेब देवरस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दूसरा पत्र भी यरवदा जेल से ही लिखा। यह पत्र 10 [more…]

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बीच बहस

फासीवाद को सबसे बड़ा खतरा कला से लगता है: मयंक सक्सेना

(कवि, पटकथा लेखक, पत्रकार और एक्टिविस्ट मयंक सक्सेना का आज निधन हो गया। उन्हें अस्थमा की बीमारी थी। इस बीच डॉक्टर ने उन्हें हार्ट का [more…]

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ज़रूरी ख़बर

कई दलों और संगठनों ने की अरुंधति के खिलाफ मुकदमा चलाने की निंदा

नई दिल्ली। प्रख्यात लेखिका अरुंधति राय के खिलाफ 14 साल पुराने मामले में मुकदमा चलाने की दिल्ली के एलजी की अनुमति का विरोध शुरू हो [more…]

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बीच बहस

फासीवाद और हिंदुत्व

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देश आज एक महत्वपूर्ण समय से गुज़र रहा है। वह एक ऐसे दोराहे पर खड़ा है जिसके एक तरफ आज़ादी और दूसरी तरफ हिंदू श्रेष्ठता [more…]

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बीच बहस

अमेरिका में हिंदुत्ववादी संगठनों की सक्रियता से बढ़ रही है अल्पसंख्यकों की चिंता

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अमेरिका में उग्र हिंदुत्ववादी समूहों की सक्रियता को लेकर मानवाधिकारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सक्रिय समूहों में गहरी चिंता है। आरएसएस और विश्व [more…]

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राजनीति

भारत में लोकतंत्र खत्म होने का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा : अरुंधति रॉय 

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(मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय को 12 सितंबर को उनके निबंध ‘आजादी’ के फ्रांसीसी अनुवाद – लिबर्टे, फासिस्म, फिक्शन- के अवसर पर उनकी आजीवन उपलब्धि के [more…]

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राजनीति

पश्चिमी देशों को नहीं पता कि भारत के अराजकता में फंसने के बाद बाजार भी नहीं रहेगा: अरुंधति

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जी-20 शिखर सम्मेलन चल रहा है। इसमें बाइडेन, मैक्रॉन जैसे वे सभी लोग हैं जो लोकतंत्र की बातें करते रहते हैं। वे सभी यह बात [more…]