1947 में देश को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी हासिल हुई। यह आजादी कोई खूनी क्रांति नहीं थी, हालांकि आजादी को हासिल करने के लिए विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आंदोलन की एक लंबी पृष्ठभूमि की भी अपनी महत्वपूर्ण...
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे न केवल सुकून देने वाले हैं बल्कि ये देश को एक करने और भारत के संविधान के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने के अभियान की शुरुआत भी हो सकते हैं। कहने की ज़रुरत नहीं कि...
आज हम जिस भारत को देखते हैं, उसका तसव्वुर शायद ही सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम के बिना पूरा हो। सरदार पटेल ही वे शख्सियत थे, जिन्होंने हमारे देश के छोटे-छोटे रजवाड़ों और राजघरानों को एक कर भारत...