Thursday, April 25, 2024

freedom of expression

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे: अभिव्यक्ति की आजादी पर बढ़ते खतरे  

भारत समेत विश्व के कई देशों में अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे बढ़ गए हैं। इसी बीच, तीन देश: ताजिकिस्तान, भारत और तुर्की जो अभी तक समस्याग्रस्त स्थिति में थे, से सबसे निचली श्रेणी में पहुंच गये हैं। खासकर,...

पी. चिदम्बरम का लेख: धीमे-धीमे हड़पी जा रही है स्वतंत्रता

तमिलनाडु में रामनाथपुरम नाम का जिला था। अब इसे विभाजित करके तीन जिले बना दिये गये हैं: रामनाथपुरम, शिवगंगई और विरुधुनगर। रामनाथपुरम में बहुत सारे जलाशय थे। प्राकृतिक झीलें, मानव निर्मित पोखरे, सिंचाई वाले पोखरे (तमिल में कन्मोई), पीने...

प्रेस की आज़ादी पर मोदी के अंतिम हमले का आगाज हो चुका है

19 अक्तूबर, 2020 की शाम थी, कश्मीर टाइम्स के रिपोर्टर और फोटोग्राफर अपने काम के लिए निकले थे, सरकारी अधिकारी पुलिस के साथ श्रीनगर में अखबार के दफ्तर में घुसे और स्टाफ को बाहर निकालकर दरवाज़े पर ताला जड़...

नागरिकों को जानने का अधिकार कि अदालतों में क्या चल रहा है: सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली को लेकर चतुर्दिक आलोचना होती रही है। कई चरणों का मतदान हो या पीएम की चुनावी रैलियां और इसका टीवी पर लाइव प्रसारण चुनाव आयोग पर सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगता रहा...

केंद्र चाहता है ट्विटर भी बन जाए ट्रोल

ट्विटर की पारदर्शिता और भारतीय क़ानून के मुताबिक अभिव्यक्ति की आज़ादी वाली दलील केंद्र सरकार को रास नहीं आई है। पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की आज़ादी के तर्क के साथ केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश को जनता के साथ साझा...

अहमदाबाद: अडानी के खिलाफ खबर चलाने के चलते लोकतंत्र टीवी पर लगी रोक!

कथित नेशनल मीडिया द्वारा समाज के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, दलित, मुसलमानों और अब मोदी सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के बारे में फैलाए गए तमाम झूठ और फ़र्जी ख़बरें दिखाने वालों के बचाव...

अर्णब गोस्वामी: कितनी पत्रकारिता, कितनी आजादी और कितना अपराध?

अर्णब मामले में ताजी खबर यह है कि 9 नवंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत की उनकी अर्जी खारिज कर दी है, और उन्होंने सत्र न्यायालय में भी जमानत के लिए अपनी अर्जी लगाई है, जिस पर...

पनसारे, दाभोलकर, कलबुर्गी, गौरी के कत्ल का तमाशा देखने वालों को याद आ रही अभिव्यक्ति की आजादी

नाम तो याद होगा पनसारे, दाभोलकर, कलबुर्गी, गौरी लंकेश, देवजी महेश्वरी, ये वह नाम हैं, जिसे लिखने-बोलने की वजह से मौत के घाट उतार दिया गया था। इस सूची में अन्य और भी नाम हैं। यह वही देश है,...

झारखंड सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर अपना मत साफ करे

रघुबर दास के नेतृत्व वाली पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा झारखंड में जन अधिकारों और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर लगातार हमले हुए। इसमें सीएनटी-एसपीटी में संशोधन की कोशिश, भूमि अधिग्रहण क़ानून में बदलाव, लैंड बैंक नीति, भूख से...

इलाहाबाद में अधिवक्ता उतरे सीएए के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में

इलाहाबाद के मंसूर पार्क में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन के समर्थन में अधिवक्ता भी आ गए हैं। धरने पर बैठे लोगों के खिलाफ करेली और खुल्दाबाद थाने ने दफा 149 के तहत नोटिस दिए...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...