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बीच बहस

समान नागरिक संहिता और हिंदुत्व की राजनीति

2024 के लोकसभा चुनाव में अब मुश्किल से दस महीने शेष हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को हर हालत में [more…]

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बीच बहस

‘मनुवादी तालिबानों का घोषणापत्र’ है गीता प्रेस से प्रकाशित ‘कल्याण’ का नारी विशेषांक  

उन्नीसवीं सदी में नारी विषयक लेखन के विवेचन से यह स्पष्ट होता है कि उस समय के नारी विमर्श की अपनी सीमाएं थीं, अपनी विशेषताएं [more…]

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राजनीति

क्या गांधी शांति पुरस्कार के लायक है गीता प्रेस?

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने हिन्दू धार्मिक ग्रंथों की प्रकाशक गीता प्रेस को 2021 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है। [more…]

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बीच बहस

गीता प्रेस की स्त्री विरोधी मुहिम

गीता प्रेस गोरखपुर की पुस्तकें बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के स्टाल पर बिकती हुई मिल जायेंगी। इन पुस्तकों की दो विशेषताएं हैं, एक तो [more…]

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बीच बहस

गीता प्रेस ने कैसे हिंदू राष्ट्र के लिए जमीन तैयार की?

[सामान्य जन धर्म को सत्य के रूप में देखते हैं, बुद्धिमानों के लिए यह मिथ्या है, और शासक इसे उपयोगी मानते हैं। – लुई एनियस [more…]

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राजनीति

गीता प्रेस की कूपमंडूक किताबों के दलदल में धंसने से कैसे मैं बचा : जवरीमल्ल पारख का संस्मरण

अभी कुछ दिनों पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की है। यह कुछ पुरानी संस्थाओं [more…]

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राजनीति

वर्ण-व्यवस्था की नींव पर खड़ा श्रमिकों के शोषण का केंद्र है गीता प्रेस

‘गीता प्रेस की स्थापना 1923 में कोलकाता के एक मारवाड़ी सेठ जयदयाल गोयन्दका ने की थी। 2023 में उसके सौ पूरे होने पर’ नरेन्द्र मोदी [more…]