कभी-कभी मुल्क का आइना यूं चकनाचूर हो जाता है कि हर शीशे में बस अफ़सोस और आंसुओं की परछाइयां दिखाई…
‘सिधपुर की भगतणें’ : प्रमादग्रस्त स्त्रियों की शील कथा
लगभग तीन साल पहले अपनी एक ट्रेन यात्रा में हमने इस उपन्यास को पढ़ने की कोशिश की थी। उसे इसलिये…