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राजनीति

देश की एकता पर लपकते शिखा से पादुका तक पैने होते नाखून

जाति जनगणना के सवाल पर मनु-जायों का कुनबा बिलबिलाया हुआ है । न उगलते बन रहा है न निगलते !! हजार मुंह से हजार तरीके [more…]

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संस्कृति-समाज

नहीं रहा गांधी का गिरमिटिया साहित्यकार

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नई दिल्ली/ कानपुर। हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार गिरिराज किशोर अब हमारे बीच नहीं हैं। आज सुबह ह्दय गति रुकने से उनका निधन हो गया। मूलत: [more…]