अनुरक्त बनो या रक्त दो, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं

अद्भुत परिस्थिति में फंस गया है देश। लोकतंत्र का इतना बुरा हाल है कि कुछ कहते नहीं बनता है। कुछ…