उपभोग बढ़ाने की एक समझ यह भी!

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उपभोग बढ़ाने का एक विशेष संदर्भ और मतलब है। इस नजरिये के मुताबिक उपभोग में निरंतर वृद्धि…

हम किस आज़ादी पर गर्व करें और जश्न मनाएं?

देश के विभिन्न भागों में सत्ता-प्रेरित सांप्रदायिक और जातीय नफरत से बनते गृहयुद्ध के हालात, शक्तिशाली पड़ोसी देश द्वारा देश…

हिंदी पट्टी कैसे हुई गोबर पट्टी में तब्दील?

5 दिन पहले फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित बाथ विश्वविद्यालय के संतोष मेहरोत्रा का यह लेख, अंग्रेजी हलकों में चर्चा का…

देश के लिए विनाशक साबित हो रहा है मोदी सरकार का ‘विकास’

सन 2022, इलेक्शन के दंगल का वर्ष है और यह देश की दशा एवं दिशा को निर्धारित करेगा। शब्दों के बाण…

मुस्लिम जनसंख्या विस्फोट का मिथक

जनसांख्यिकी विशेषज्ञ बताते हैं कि जनसंख्या परिवर्तन तीन जनसांख्यिकीय कारकों उर्वरता, मृत्यु दर और प्रवास द्वारा निर्धारित किया जाता है,…

जनसंख्या नियंत्रण के बेसुरे राग की हकीकत

किसी देश की बड़ी आबादी बेशक उसके लिए ताकत या वरदान मानी जाती है, लेकिन उस आबादी का अगर सदुपयोग…

अर्थव्यवस्था का रसातलीकरण जारी! जीडीपी -7.3 फीसद पर पहुंची

पिछले सात साल के मोदी सरकार के गुड गवर्नेंस के सातवें साल में देश ने इतनी तरक्की की कि जीडीपी माइनस…

यह नग्न बाजारवाद का बेशर्म परीक्षण है!

इन दिनों वैसे तो अर्थव्यवस्था के क्षेत्र से आ रही लगभग सभी खबरें निराश करने वाली हैं, लेकिन सबसे बुरी…

भारत में बेरोजगारी के दैत्य का आकार

1990 के दशक की शुरुआत से लेकर 2012 तक भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उच्च वृद्धि वाली अवधि के…

-23.9% विकास दर के साथ मुंह के बल गिरी जीडीपी! क्या है इस अर्थशास्त्र के पीछे का गणित?

नई दिल्ली। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय जब वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल, मई और जून का जीडीपी…