गुरुदेव की एक ही ख्वाहिश थी- शिक्षा कभी निर्जीव न हो

शान्ति निकेतन में गुरुदेव की कही वाणी “निर्जीव जीवन से भयंकर भार और कुछ नहीं हो सकता। इसका पूरा ध्यान…