‘काल के कपाल पर हस्ताक्षर’ शीर्षक से प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की उपन्यास शैली में लिखी गयी जीवनी है। इसे…
जन्मदिवस पर विशेष: परसाई होते तो क्या लिख रहे होते?
अगस्त के महीने को यदि हरिशंकर परसाई का महीना कहा जाए तो कम से कम साहित्य जगत में किसी को…
जन्मदिवस पर विशेष: सामाजिक यथार्थ के अनूठे व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई
हरिशंकर परसाई हिंदी के पहले रचनाकार थे, जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के-फुल्के मनोरंजन की परंपरागत…
आजादी के पहले का भारत समझना है तो प्रेमचंद, आजादी के बाद का भारत समझना है तो परसाई को पढ़ें
इंदौर। आजादी के पहले का हिंदुस्तान समझने के लिए प्रेमचंद को पढ़ना जरूरी है। अंग्रेजों और उनसे पहले मुगलों ने…
पाठ्यक्रम में बदलाव: हिंदू-मुस्लिम साझेपन की कोई कृति संघ-भाजपा को बर्दाश्त नहीं
एनसीईआरटी ने विद्यार्थियों का बोझ घटाने के नाम पर पाठ्य पुस्तकों में जो बदलाव किए, उनकी चर्चा इतिहास, राजनीति शास्त्र,…
शरद जोशी होने का अर्थ
व्यंग्य की चर्चा करते ही दो नाम सबसे पहले जेहन में उभरते हैं एक हरिशंकर परसाई दूसरे शरद जोशी। आधुनिक…
जब निरंकुश सत्ताओं के लिए चुनौती बन गए व्यंग्यकार!
मशहूर साहित्यकार हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में कहते थे– “व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता…
प्रेमचंद के फटे जूते
प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की…