हमने दलितों, आदिवासियों को सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थाओं, संसद, विधानसभाओं में भले ही आरक्षण दे दिया हो परंतु समाज में अभी भी उनके साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव जारी है। शिक्षण संस्थाओं समेत अनेक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर...
किसी भी देश का बजट आने वाले साल के सरकारी आमदनी और खर्चे का एक आकलन होता है और सरकारी मंशाओं का एक ब्यौरा। दिमागी गुलाम या मूर्खों की बात छोड़ दी जाये तो समाज का हर तबका स्वाभाविक...