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बीच बहस

भागवत जी, ज्यादातर भारत विरोधी तो हिंदू ही हैं!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का एक बहु प्रचलित डॉयलॉग है- आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और कोई [more…]

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संस्कृति-समाज

जयंती पर विशेष: रुढ़िवादी परंपराओं और दकियानूसी बेड़ियों को तोड़कर सावित्रीबाई ने रचा इतिहास

आज भारत की प्रथम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की 190 वीं जयंती हैं। 19वीं शताब्दी में उनके द्वारा किये गए साहसिक कार्यों को आज [more…]

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बीच बहस

अंतरधार्मिक विवाह अध्यादेश: गणतंत्र से कबीलों के देश में बदलता भारत

भारत के हर नागरिक (स्त्री-पुरुष) को अपनी मर्ज़ी से, किसी से भी विवाह करने की आज़ादी है। अपने ही धर्म के व्यक्ति से विवाह करे [more…]

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बीच बहस

किसानों ने फेर दिया आरएसएस के मंसूबों पर पानी

आज तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार व किसान आमने-सामने खड़े है। महीनों से शांतिपूर्ण व लगातार गति को प्राप्त करते इस आंदोलन को लेकर [more…]

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संस्कृति-समाज

हिंदू राष्ट्रवाद का खौफ़नाक मंजर पेश करती है अरुंधति की किताब ‘आज़ादी’

अरुंधति रॉय भारत की उन चंद लेखकों में हैं, जिनकी समकालीन भारत की नब्ज़ पर उंगली है और जो भारत की हर धड़कन को कान [more…]

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ज़रूरी ख़बर

प्रशासन में अविश्वास को बढ़ाने का काम करेगा लव जिहाद कानून

गत वर्ष अगस्त महीने में फरीदाबाद, हरियाणा के डीसीपी विक्रम कपूर ने मातहत इंस्पेक्टर के ब्लैकमेल से तंग आकर सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली [more…]

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संस्कृति-समाज

मुगलकाल में भी होता था दिवाली पर सबरंग माहौल

सदियों से हमारे देश का किरदार कुछ ऐसा रहा है कि जिस शासक ने भी सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व की भावना से सत्ता चलाई, उसे देशवासियों का [more…]

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ज़रूरी ख़बर

विवाह के लिए हिंदू से मुस्लिम या मुस्लिम से हिंदू बनना जरूरी नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि केवल शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज करते [more…]

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ज़रूरी ख़बर

लैंगिक दादागिरी का चलन और लव जिहाद की राजनीति

किसी भी कानून-व्यवस्था के लिए दु:स्वप्न जैसा ही रहा होगा जब एक कालेज छात्रा अपने सहपाठी द्वारा लैंगिक जुनून में मौत के घाट उतार दी [more…]

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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथि पर विशेषः अंदरूनी अत्याचारियों से विद्रोह चाहते थे लोहिया

अगर माखनलाल चतुर्वेदी एक भारतीय आत्मा थे तो डॉ. राममनोहर लोहिया एक बेचैन भारतीय आत्मा थे। वे चाहते थे कि इस देश की जनता भीतरी [more…]