हिन्दी सिनेमा में ब्राह्मणवाद और दलित मुक्ति के संदर्भ

भारत में सिनेमा का इतिहास सौ साल से अधिक पुराना है। यह न केवल महंगा माध्यम है, बल्कि तकनीकी माध्यम…

दिलीप कुमार सिनेमा के ध्रुवतारे की तरह हमारे सांस्कृतिक जगत के आकाश में हमेशा चमकते रहेंगे

आज दिलीप कुमार नहीं रहे। उनका न रहना हमारे सिनेमा के किसी युग का अंत नहीं, बल्कि किसी विध्वंस से…