जाति की तरह धर्म का मसला भी ऐसा ही उलझा है। मेरा तात्पर्य रिलीजन से है, कर्त्तव्य से नहीं। हमें हमारा धर्म जन्म से मिल जाता है। हमारे माता-पिता हमें बताते हैं कि हम हिंदू हैं या मुसलमान हैं,...
देश-विदेश हर तरफ
सिर्फ़ शाहीन बाग़ की चर्चा है। शाहीन बाग़ के नवप्रसूता, गर्भवती, जवां बच्चियों
और बूढ़ी स्त्रियों की चर्चा है। 30 दिन की सबसे छोटी प्रदर्शनकारी से लेकर 90
वर्षीय बूढ़ी स्त्री तक शाहीन बाग़ में सिर्फ़ स्त्रियां ही स्त्रियां...