Saturday, June 10, 2023

Jyoti Ba Phule

दलित स्त्री-3: स्त्रीवाद और दलित स्त्री/भ्रामक अवधारणा बनाम वास्तविक संघर्ष

1841 में भारत के वर्तमान महाराष्ट्र प्रांत में एक महार दलित परिवार में पैदा हुई मुक्ता साल्वे, जो जोतिबा फुले और सावित्री बाई फुले द्वारा स्थापित स्कूल में पढ़ती थी, ने 1855 में एक निबंध लिखा जो कि दो...

फुले दंपत्ति का स्वप्न और दलितों-पिछड़ों और महिलाओं की वर्तमान स्थिति

हाल में मैंने फॉरवर्ड प्रेस, दिल्ली द्वारा प्रकशित जोतिराव फुले की पुस्तक ‘गुलामगिरी' का हिंदी अनुवाद और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले पर केन्द्रित ‘सावित्रीनामा' पढ़ा। इन दोनों पुस्तकों के पढने के पहले तक मैं इस बात की कल्पना भी नहीं...

शाहीन बाग से शुरू हुआ पढ़ने-पढ़ाने का भी आंदोलन

शाहीन बाग़ में किताबों का जो एक पौधा रोपा गया था, वो पेड़ की शक़्ल अख़्तियार कर रहा है। उसकी एक जड़ हौज़ रानी के गांधी पार्क में फूटी है, जैसे कि शाहीन बाग़ के आंदोलन की जड़ें यहां-वहां...

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अन्याय के 1000 दिन, प्रतिरोध और आंदोलन के हजार दिन!

नई दिल्ली। “यह 1000 दिनों की कैद के साथ-साथ 1000 दिनों का प्रतिरोध भी है। उमर खालिद यह सुनकर...