कोरोना काल में मेहनतकशों की त्रासदी का जिंदा दस्तावेज है ‘1232 किमी’
गुलज़ार साहब की कुछ चंद लाइनों से शुरू हुई ये किताब आपको इन लाइनों से ही किताब का सार समझा देती है। इसके बाद ‘द [more…]
गुलज़ार साहब की कुछ चंद लाइनों से शुरू हुई ये किताब आपको इन लाइनों से ही किताब का सार समझा देती है। इसके बाद ‘द [more…]