एक रूह जो फना हो गयी गंगा-जमुनी तहजीब का बीज बो कर

सालों पहले की बात है। हमारी दोस्त अर्चना हजरत निजामुद्दीन की दरगाह जाना चाहती थीं। सो, एक दोपहर हम वहां…