ख़्वाजा अहमद अब्बास का लेख: कृश्न चंदर! मेरा हमदम, मेरा दोस्त

कृश्न चंदर से मैं आख़िरी बार बंबई अस्पताल में मिला। मैं वहां पांच बजे शाम को गया था। अंदर जाने…