आज (23 मार्च) एक कुजात गांधीवादी का जन्मदिन है, हालांकि उस कुजात गांधीवादी ने अपना जन्मदिन कभी नहीं मनाया। उसी के जन्मदिन के दिन ही शहीद ए आज़म भगत सिंह को साल 1931 में फांसी पर लटका दिया गया...
हिंदू धर्म की उन्नति बौद्ध धर्म के प्रतीकों को एक अवशिष्ट स्थान छोड़ देती है और इसकी क्रांतिकारी क्षमता को कम कर देती है।
भारत में बौद्ध धर्म के अनुयायी 14 अक्टूबर 1956 तक नगण्य थे। और एक धर्म के...
वामपंथियों को आँख मूँदकर गाली देने वाले आजकल के कथित सत्ता के चाटुकार पत्रकारों, लेखकों, सम्पादकों, भाँड़ मीडिया के एंकरों और कथित साहित्यकारों को भारत के वर्तमान समय में सत्तासीन पूँजीपतिपरस्त सरकार के दंगाई, फॉसिस्ट, जनविरोधी, कार्पोरेट हितैषी कर्णधारों...
किसान आंदोलन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए स्वराज अभियान लोकतांत्रिक संगठनों, बुद्धिजीवियों व सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित कर रहा है। इसी क्रम में स्वराज अभियान के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह और आईपीएफ के बिहार...