Friday, April 26, 2024

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केके शैलजा ने रेमन मेग्सेसे ठुकराकर स्थापित किया है एक मानक

उनको डर लगता है आशंका होती है कि हम भी जब हुए भूत घुग्घू या सियार बने तो अभी तक यही व्यक्ति ज़िंदा क्यों?                   मुक्तिबोध ऐसे समय में जब व्यक्तिगत ख्याति प्राप्त करने की चाह अधिकांश मध्यमवर्गीय बुद्धिजीवियों-नेताओं-पत्रकारों-साहित्याकारों में हिलोरे मार रही है, सब को...

सीपीएम नेत्री शैलजा का मैगसेसे को नकारने का फैसला कितना सही?

मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के विचारों में समाजवादी समाज और समाजवादी राज्य के अंगों की जो कटी-छँटी छवियाँ थीं, उन्हें रूस में नवंबर क्रांति और सोवियत संघ के विकास के साथ पहली बार एक समग्र, एकजुट छवि की पहचान...

मेनस्ट्रीम मीडिया से आखिर क्यों गायब है रवीश के मैग्सेसे की ख़बर?

वैसे तो विनोबा भावे (1958) से लेकर अमिताभ चौधरी (1961), वर्गीज कुरियन (1963), जयप्रकाश नारायण (1965), सत्यजीत राय (1967), गौर किशोर घोष (1981), चंडी प्रसाद भट्ट (1982), अरुण शौरी (1982), किरण बेदी (1994), महाश्वेता देवी (1997), राजेन्द्र सिंह (2001), संदीप...

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बीजद को लगा झटका, टिकट न मिलने से नाराज पाणिग्रही का इस्तीफा

एक तरफ जहां भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में अपने कई नामचीन नेताओं, पूर्व सांसदों को टिकट नहीं दिया है,...