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संस्कृति-समाज

मिर्ज़ा ग़ालिब स्मृति दिवस: कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयां और

मिर्ज़ा ग़ालिब उर्दू के अज़ीम शायर हैं। वे जितने उर्दू ज़बान में मक़बूल हैं, उतने ही उन्हें हिंदी में चाहने वाले हैं। उनकी शायरी हिंदुस्तानी [more…]