Tag: nARENDRA mODI

  • नंदीग्राम की फिजा में घुल गया सांप्रदायिकता का जहर

    नंदीग्राम की फिजा में घुल गया सांप्रदायिकता का जहर

    नंदीग्राम की फिजा में सांप्रदायिकता का जहर पूरी तरह फैल गया है। जो कभी हमनिवाला हुआ करते थे वे अब हिंदू-मुसलमान बन गए हैं। एक अदद विधानसभा का चुनाव जीतने के लिए भाजपा के नेताओं ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दीवार खड़ी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। क्या इसके बावजूद शुभेंदु…

  • असत्याग्रही का इतिहास लेखन

    असत्याग्रही का इतिहास लेखन

    बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ बाहर करने के आक्रामक और विभाजनकारी एजेंडे के साथ बंगाल चुनाव लड़ने पहुंचे प्रधानमंत्री खुद बीच चुनाव में बांग्लादेश में घुसपैठ कर बैठे और मुजीब जैकेट्स बांटते-बांटते खुद ही खुद को मुजीबुर्रहमान से बड़ा नहीं, तो कम-से-कम उनका समकक्ष मुक्तियोद्धा बनने का करतब दिखाने पर आमादा-ए-फसाद होकर ऐसा दावा कर गए…

  • एक अप्रैल को राष्ट्रीय जुमला दिवस के तौर पर मना रहे हैं किसान

    एक अप्रैल को राष्ट्रीय जुमला दिवस के तौर पर मना रहे हैं किसान

    किसानों की आय दोगुना करने के मोदी सरकार के वादे के जुमला साबित होने पर आज एक अप्रैल को देश भर के युवा किसान “राष्ट्रीय जुमला दिवस” के तौर पर मना रहे हैं। वहीं इस संबंध में एक बयान जारी करके किसान एकता मोर्चा ने कहा है कि – “मोदी सरकार द्वारा ‘किसानों की आय…

  • इशरत जहां एनकाउंटर केस में CBI कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के 3 अफसरों को बरी किया

    इशरत जहां एनकाउंटर केस में CBI कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के 3 अफसरों को बरी किया

    अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लई और दो अन्य के साथ जून 2004 में हुए इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया। गुजरात सरकार द्वारा तीन आरोपी पुलिस अधिकारियों, आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल, सेवानिवृत्त  डिप्टी एसपी तरुण बरोत और एक सहायक…

  • नरेंद्र मोदी के वापसी के बाद बांग्लादेश में शुरू हो गयी है सांप्रदायिक हिंसा

    नरेंद्र मोदी के वापसी के बाद बांग्लादेश में शुरू हो गयी है सांप्रदायिक हिंसा

    आज सुबह बांग्लादेश की एक ख़बर पढ़ रहा था, बगल बैठे गांव के एक बुजुर्ग सुनकर बोले क्षयगोड़ना है। ये शब्द हमारे गांव में मुहावरे के तौर पर बोला जाता है। ‘क्षयगोड़ना’ का मतलब है जहां पैर पड़े वहीं क्षय होने लगे। तो ख़बर ये थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर रखते ही बांग्लादेश…

  • शेख़ मुजीबुर्रहमान के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सांप्रदायिक मोदी का विरोध

    शेख़ मुजीबुर्रहमान के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सांप्रदायिक मोदी का विरोध

    बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50 वर्ष और बंग्लादेश के संस्थापक शेख़ मुजीबुर्रहमान की जन्मशती के मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपने दो दिवसीय दौरे पर 26 मार्च को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे। बता दें कि बांग्लादेश इस साल अपनी स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने…

  • मोदी विरोध और मोदी समर्थन की एक जैसी दुत्कार!

    मोदी विरोध और मोदी समर्थन की एक जैसी दुत्कार!

    कॉर्पोरेट खेमे के प्रखर पब्लिक इंटेलेक्चुअल प्रताप भानु मेहता की अशोका यूनिवर्सिटी से मोदी के इशारे पर हुई छुट्टी को मशहूर स्तंभकार तवलीन सिंह के अपमानित होकर मोदी कैंप से बाहर किये जाने के प्रसंग से भी समझा जा सकता है। तवलीन सिंह की कॉर्पोरेट लेखनी मोदी के समर्थन में उसी तरह तर्क उगलती थी…

  • तीरथ सिंह रावत को कौन सिखाए ‘राजधर्म’

    तीरथ सिंह रावत को कौन सिखाए ‘राजधर्म’

    तीरथ सिंह रावत 56 साल की उम्र में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बने हैं जबकि नरेंद्र मोदी 51 साल की उम्र में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। तीरथ सिंह रावत को अवसर मिला है जब प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनने का अवसर तब मिला था जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। तब…

  • बैटल ऑफ बंगाल: 200 सीटें जीतने का सपना देख रही बीजेपी की अंतर्कलह खुल कर आयी सामने

    बैटल ऑफ बंगाल: 200 सीटें जीतने का सपना देख रही बीजेपी की अंतर्कलह खुल कर आयी सामने

    पिछले साल कोरोना के दौरान जब बिहार विधानसभा चुनाव हो रहा था तो बीजेपी के सभी दिग्गज नेता अपनी सारी ताकत चुनावी रैलियों में झोंक रहे थे। लेकिन इस दौरान बीजेपी का एक प्रमुख चेहरा बिहार छोड़ बंगाल में नई आस तलाश रहि था। गृहमंत्री अमित शाह बिहार छोड़कर कोलकाता के एक बंगाली परिवार के…

  • देश में असहमति के प्रति बढ़ती असहनशीलता लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा

    देश में असहमति के प्रति बढ़ती असहनशीलता लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा

    न सिर्फ देश का सर्वोच्च न्यायालय,अनेक उच्च न्यायालय,अनेक समाचार पत्र,संविधान एवं न्यायिक क्षेत्र के  अनेक विशेषज्ञ, यहां तक कि दुनिया के विभिन्न देशों की मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्ध संस्थाएं यह मानती हैं कि भारत में बोलने और लिखने की आजादी पर पिछले वर्षों से अंकुश लग रहे हैं। इन सबकी यह…