नरेंद्र मोदी के वापसी के बाद बांग्लादेश में शुरू हो गयी है सांप्रदायिक हिंसा

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आज सुबह बांग्लादेश की एक ख़बर पढ़ रहा था, बगल बैठे गांव के एक बुजुर्ग सुनकर बोले क्षयगोड़ना है। ये शब्द हमारे गांव में मुहावरे के तौर पर बोला जाता है। ‘क्षयगोड़ना’ का मतलब है जहां पैर पड़े वहीं क्षय होने लगे।

तो ख़बर ये थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर रखते ही बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा होने लगी। उनके वापस लौटने के बाद ये सांप्रदायिक हिंसा पूरे बांग्लादेश में फैल गयी है। मंदिरों के साथ ट्रेन पर हमला कर दिया गया है। जिसमें अब तक एक दर्जन से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

बांग्लादेश के तमाम स्थानीय पत्रकारों व पुलिस के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि चरमपंथी इस्लामिक समूह के सैकड़ों सदस्यों ने रविवार को पूर्वी बांग्लादेश में स्थित मंदिरों और रेलगाड़ियों पर हमला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद यह हिंसा मुल्क में तेजी से फैलती गई। दरअसल, शुक्रवार को इस्लामिक समूहों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया था और उसी दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिसकर्मियों से झड़प हुई थी। बताया जाता है कि प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद वे उग्र हो गए और झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया।

हिफाजत ए इस्लाम समूह के साथ उसे समर्थकों ने ब्राह्मणबरिया के पूर्वी जिले में एक ट्रेन पर हमला कर दिया था, जिसमें 10 लोगों को चोटें आई थीं।

जानकारी के मुताबिक, घनी आबादी वाले ढाका में शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस के टियर गैस और रबड़ वाली बुलेट्स का इस्तेमाल करना पड़ा था, जबकि रविवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने डाउन स्ट्रीट पर मार्च निकाला था। 

गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे थे। बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की जन्‍मशताब्‍दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्‍थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने निमंत्रण दिया था।

मेरे एक मित्र कहते हैं नरेंद्र मोदी का बांग्लादेश दौरा भाजपा की राजनीतिक दृष्टि से देखें तो कामयाब दौरा है। बांग्लादेश में शुरु हुए सांप्रदायिक हिंसा से पश्चिम बंगाल में भाजपा को वोटों के ध्रुवीकरण में सहूलियत होगी।

(सुशील मानव जनचौक के विशेष संवाददाता हैं।)

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