Friday, April 26, 2024

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दिल्ली विश्व पुस्तक मेला: क्या यह हिन्दी जाति की बौद्धिकता का अवसान है?

दिल्ली में दिनांक 10.2.24 से 18.2.24 तक हुए विश्व पुस्तक मेले का समापन हो गया है। कवि-लेखक और प्रकाशक आलोक श्रीवास्तव अपनी फेसबुक वॉल पर लिखते हैं-"20 साल पहले तक हिन्दी के लगभग डेढ़ हज़ार प्रकाशक पुस्तक मेले में...

विश्व पुस्तक मेला: एक धीमे बदलाव वाली संस्कृति

नई दिल्ली। किताबों की दुनिया हर दो-तीन साल में थोड़ी सी परिवर्तित जाती है लेकिन उस फ़र्क को बहुत साफ-साफ नहीं पहचाना जा सकता। यह एक धीमे बदलाव वाली संस्कृति है। हर साल के मुकाबले इस साल मैंने किताबें...

गद्य की जगह गदा, कलम की जगह बंदूक

मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक और असाधारण नियुक्ति कर दिखाई है। नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक के पद पर लेफ्टिनेंट कर्नल युवराज मलिक की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। 1957 में बनी एनबीटी के 63...

पुस्तक मेले में राष्ट्रगान के दौरान ‘राष्ट्रवादी’ चिल्लाते रहे ‘मोदी-मोदी’

रविवार को पुस्तक मेले का आखिरी दिन था। कुछ साहित्यकार और रंगकर्मियों ने मिलकर पुस्तक मेले के आखिरी दिन एनआरसी-सीएए के खिलाफ़ कालीपट्टी बांधकर कविता और जनगीत पढ़ने तथा संविधान की प्रस्तावना का पाठ करने का आयोजन किया। हॉल...

विश्व पुस्तक मेला 2020:अंतिम दिन उमड़ा पुस्तक प्रेमियों का हुजूम

किताबों का महाकुंभ यानी विश्व पुस्तक मेला (World Book Fair 2020) अंतिम दिन अपने सबाब पर था। 4 जनवरी को शुरू हुए विश्व पुस्तक मेले के अंतिम दिन बच्चे, युवा और बुजुर्गों की भारी भीड़ ने अपने-अपने पसंदीदा...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...