सत्ता तो सभी को चाहिए। सत्ता के बिना राजनीति कैसी? धनधारी और राजदार जब एक हो जाते हैं तो कोई…
लोकतंत्र की आंख में पानी बचाने और तालाब में नया पानी भरने के लिए चुनाव
सामने 2024 का आम चुनाव है। केंद्रीय चुनाव आयोग मन-प्राण और प्राण-पण से स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भय एवं दबाव से मुक्त…
सोनम वांग्चुक आजकल यूपीए के दिनों को क्यों रह-रहकर कर रहे हैं याद?
हिंदी सिनेमा के इतिहास में सर्वकालिक पसंदीदा फिल्मों में से एक ‘3 इडियट्स’ के मुख्य किरदार फुंसुक वांगडू को भला…
स्कॉटलैंड से नीतीश की बिहार की राजनीति पर नज़र और बिहार एनडीए में मचा बवाल
बिहार एनडीए के भीतर बवाल मचा हुआ है। बवाल तो महाराष्ट्र में भी है। महाराष्ट्र एनडीए में सीट बंटवारे के…
ओडिशा में बीजेडी-बीजेपी के पुनर्मिलन के पीछे की वजह क्या है?
‘एक अकेला सब पर भारी’ का दावा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के द्वारा गठबंधन बना लेने…
‘अकाली एकता’: बदले पंजाब के सियासी समीकरण
सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले संयुक्त अकाली दल का विलय सुखबीर सिंह बादल की प्रधानगी वाले शिरोमणि अकाली दल…
बिको, बिको जल्दी बिको, अब न बिकोगे तो कब बिकोगे!
क्या चल रहा है, हमारे आस-पास! सब कुछ हरा-भरा है। बहुत पहले गालिब ने कहा था, हम हैं वहां, जहां…
भारत रत्न बना राजनीतिक सहयोगी फंसाने का चारा !
बाकी भले देश की माली और समाजी दरो-दीवारों पर सब्जा उग रहा हो और सारी उम्मीदें बयाबां में मुंह छुपाये…
रोजी-रोजगार विमुख लाभार्थी योजना कल्याणकारी नहीं है, न सेंगोल ही संवैधानिक न्याय का प्रतीक है
सत्रहवीं लोक सभा का अवसान हो चुका है। याद करें तो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई जा चुकी है, उसकी…
विपक्ष की विफलता विकल्प की विफलता नहीं है
करीब 15 दिन पहले मैंने एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र से कहा कि लोकसभा चुनाव को दो महीने भी शेष नहीं बचे हैं,…