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संस्कृति-समाज
पुण्यतिथि पर विशेष: ‘नीरज’ तो कल यहां न होगा, लेकिन उसका गीत-विधान रहेगा
‘‘कहानी बन कर जिए हैं इस जमाने में/सदियां लग जाएंगी हमें भुलाने में/आज भी होती है दुनिया पागल/जाने क्या बात है नीरज के गुनगुनाने में।’’ इन बेमिसाल पंक्तियों के गीतकार, कवि गोपाल दास ‘नीरज‘ उस कवि सम्मेलन परम्परा के...
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कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन से जुड़े नीरज मुर्मू को ब्रिटेन का प्रतिष्ठित डायना अवार्ड सम्मान
Janchowk -
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा संचालित गिरिडीह जिले के दुलियाकरम बाल मित्र ग्राम के पूर्व बाल मजदूर 21 वर्षीय नीरज मुर्मू को गरीब और हाशिए के बच्चों को शिक्षित करने के लिए ब्रिटेन के प्रतिष्ठित डायना अवार्ड से...
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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
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