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संस्कृति-समाज

पुण्यतिथि पर विशेष: ‘नीरज’ तो कल यहां न होगा, लेकिन उसका गीत-विधान रहेगा

‘‘कहानी बन कर जिए हैं इस जमाने में/सदियां लग जाएंगी हमें भुलाने में/आज भी होती है दुनिया पागल/जाने क्या बात है नीरज के गुनगुनाने में।’’ [more…]

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ज़रूरी ख़बर

कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन से जुड़े नीरज मुर्मू को ब्रिटेन का प्रतिष्ठित डायना अवार्ड सम्मान

कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ)  द्वारा संचालित गिरिडीह जिले के दुलियाकरम बाल मित्र ग्राम के पूर्व बाल मजदूर 21 वर्षीय नीरज मुर्मू को गरीब और [more…]