Saturday, April 20, 2024

Nirala

निराला की कविता में मनुष्य राग

यह संयोग ही है कि मेरे प्रियतम कवियों में निराला रहे हैं। जब मैं आठवीं कक्षा का छात्र था तभी उनकी कवितायें गुनगुनाता था। इस पर मेरे शिक्षक चिरोंजी लाल श्रीवास्तव जो वहीं हमारे पड़ोस में रहते थे बहुत...

पाठ्यक्रम में बदलाव: हिंदू-मुस्लिम साझेपन की कोई कृति संघ-भाजपा को बर्दाश्त नहीं

एनसीईआरटी ने विद्यार्थियों का बोझ घटाने के नाम पर पाठ्य पुस्तकों में जो बदलाव किए, उनकी चर्चा इतिहास, राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र और विज्ञान की किताबों के संदर्भ में तो काफ़ी हुई, पर हिंदी की किताबों पर बात बहुत...

“भूख से भी बड़ी कोई महामारी होती है क्या बाबूजी?”

अब कहां? अब कहां? अब कहां? यह सवाल संगम की ओर जाते हर रास्ते पर चादर बिछाये थाल कटोरा लिये बैठे हजारों महिलाओं-पुरुषों की आंखों में गहरी उदासी के साथ बैठा है। दो महीने पहले गंगा किनारे लगा मेला...

एक था बीकू: बेटे की याद में कॉमरेड येचुरी को याद आई महाकवि निराला की कालजई कविता

नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 1980 के दशक के प्रारंभ में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफआई) के अधिकतर सदस्य छात्र-छात्राएं भी उनके माता-पिता की तरह उनके बचपन में उन्हें बीकू कहते थे। उनका औपचारिक...

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माओवादियों ने बताया कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार, 25 अप्रैल को बंद का आह्वान

नई दिल्ली। माओवादियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कांकेर एनकाउंटर को नरसंहार करार दिया है। और उसके विरोध...