Tag: Nishikant
जब अदालतों पर सियासत की उंगली उठे- लोकतंत्र के आईने पर एक सियाह धब्बा
बयान कभी-कभी महज़ अल्फ़ाज़ नहीं होते, बल्कि वो आईना होते हैं, जिसमें किसी शख़्स की नीयत, सियासत और सोच की परछाइयां साफ़ नज़र आती हैं। [more…]
बयान कभी-कभी महज़ अल्फ़ाज़ नहीं होते, बल्कि वो आईना होते हैं, जिसमें किसी शख़्स की नीयत, सियासत और सोच की परछाइयां साफ़ नज़र आती हैं। [more…]