जयंतीः राजेंद्र यादव ने साहित्य में दी अस्मिताओं के वजूद को नई पहचान

हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो…

जन्मदिन पर विशेष: ‘रशीद जहां’ यानी एक ज़िंदा बगावत!

डॉ. रशीद जहां, तरक्कीपसंद तहरीक का वह उजला, चमकता और सुनहरा नाम है, जो अपनी सैंतालिस साल की छोटी सी…

जयंती पर विशेष: शानी के मानी

शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोया कि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है।…

जन्मदिन पर विशेष: अंग्रेजों से लोहा लेने वाली माखनलाल की कलम ने आज़ादी के बाद दिखाया समाज को रास्ता

बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में अनेक महापुरुषों ने राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व की छाप छोड़ी।…

स्मृति शेष: मोहनदास के महात्मा गांधी बनने की प्रमाणिक कथा लिखने वाले लेखक गिरिराज किशोर

अपने वृहद उपन्यास ‘पहला गिरमिटिया’ के जरिए महात्मा गांधी के ‘महात्मा’ होने से पहले की जीवन प्रक्रिया के अनगिनत अनछुए…