जयंतीः राजेंद्र यादव ने साहित्य में दी अस्मिताओं के वजूद को नई पहचान
हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपने साहित्यिक लेखन से इतर [more…]
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डॉ. रशीद जहां, तरक्कीपसंद तहरीक का वह उजला, चमकता और सुनहरा नाम है, जो अपनी सैंतालिस साल की छोटी सी जिंदगानी में एक साथ कई [more…]
शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोया कि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है। लेकिन शानी न तो किसी [more…]
बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में अनेक महापुरुषों ने राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व की छाप छोड़ी। ऐसे ही महापुरुषों में दादा [more…]
अपने वृहद उपन्यास ‘पहला गिरमिटिया’ के जरिए महात्मा गांधी के ‘महात्मा’ होने से पहले की जीवन प्रक्रिया के अनगिनत अनछुए पहलू विस्तार से व्याख्ति करने [more…]