क्या कोई जिम्मेदार आदमी इतना संवेदनहीन और क्रूर हो सकता है कि कोरोना महामारी में आक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों को 'मुक्ति’ मिलने की बात कहे। आरएसएस के कर्णधार तो अपने इस संगठन को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी...
लेख- डॉ. राजाराम त्रिपाठी
इस महामारी की 'तीसरी लहर' आनी अभी बाकी है। पहली लहर में हम सस्ते में छूटे तो हमारा हाल बस यही था कि, मानो अंधे के हाथ बटेर लग गई। हम लगे अपने मुंह मियां मिट्ठू...
किसी भी सरकार की प्राथमिकताएं तय होती है, सत्तारूढ़ दल के राजनैतिक दर्शन और उसकी आर्थिक नीतियों से। राजनीतिक दर्शन उस दल की आत्मा होती है और आर्थिक नीतियां, इस बात का प्रतिविम्ब की वह दल या उस दल...