Friday, April 19, 2024

pmmodi

प्रधानमंत्री जी, सोशल मीडिया छोड़िए या न छोड़िये, पर मिथ्यावाचकों से मुक्त होइए

खबर है पीएम ने सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम छोड़ने का निर्णय किया है । परसों 2 मार्च को ही उनके यह कह देने के बाद से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ उन्हें मना रहे हैं कि वे...

मुझे नहीं लगता कि इस सरकार के पास सोचने की क्षमता है: कनन गोपीनाथन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ‘गुड’ गवर्नेंस नीति की खुद ही बलाईयां लेते नहीं थकते। पर देश के बेहतरीन दिमाग़ों के लिए जानी जाने वाली आईएएस बिरादरी के लिए चुने जाने वाले पूर्व आईएएस कनन गोपीनाथन ऐसा नहीं...

नागरिक के तौर पर हम अपने अधिकारों की भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिए गए हैं: अरुंधति रॉय

( लेखिका अरुंधति रॉय ने आज जंतर-मंतर पर आयोजित संस्कृतिकर्मियों के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम 'हम देखेंगे' को संबोधित किया। इस मौके पर दिल्ली में हुए दंगों से लेकर तमाम सवालों पर उन्होंने ढेर सारी बातें कीं। अंग्रेजी में दिए...

‘जब वोट मांगने आए थे, तब क्यों नहीं पूछी नागरिकता’?

(दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से भी अधिक वक्त से सीएए को वापस लेने की मांग पर जो धरना चल रहा है, उसकी असल जान यहां बैठी बुजुर्ग दादियां हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से  पिछले दिनों ...

न्यायपालिका के पतन में अब क्या बाकी रह गया?

यह महज एक तस्वीर नहीं है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के साथ सुप्रीम कोर्ट तमाम न्यायाधीश दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को यदि आप गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि यह तस्वीर हमारे देश में...

अपने राजनीतिक मौत के खतरे की पैदाइश है वारिस पठान का यह बयान

भारत में सांप्रदायिकता के सैकड़ों नाले और परनाले बह रहे हैं। उन्हीं नालों में से एक की पैदाइश वारिस पठान नाम का एक कीड़ा है। भारतीय राज्य और सीधे तौर पर कहें तो बीजेपी और संघ के संरक्षण में...

मनमोहन सिंह ने बोला मोदी सरकार पर हमला, कहा- समाधान के लिए जरूरी है समस्या को चिन्हित करना

देश में मंदी की मार और डंवाडोल अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व के जाने माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों पर गहरे सवाल खड़े किये हैं उन्होंने मोदी सरकार की दुखती रग...

आखिर संघ प्रमुख ने क्यों टेका गांधी के सामने मत्था?

कल संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गांधी को लेकर न केवल बयान दिया है बल्कि उन्होंने गांधी स्मृति जाकर बापू की मूर्ति के सामने अपना मत्था भी टेका है। उसकी तस्वारें देश के सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर नुमाया हैं।...

मोदीराज बीजेपी का “स्वर्ण काल” नहीं “गुप्त काल” है

संसदीय लोकतंत्र में संख्या बल का बहुत महत्व होता है। लोकसभा और विधान सभा में बहुमत वाले दल की ही सरकार बनती है। संसदीय लोकतंत्र में चुनावी जीत और फिर सरकार गठन किसी भी राजनीतिक दल के विकास का...

सही होकर भी गलत क्यों हो जाते हैं राहुल गांधी ?

राहुल गांधी मतलब भारतीय राजनीति में विपक्ष का एक चेहरा। इसे कमज़ोर विपक्ष का चेहरा भी कह सकते हैं। मगर, यह चेहरा ऐसा है जो किसी भी दिन सुर्खियों से दूर नहीं रहता। राहुल नहीं चाहते हैं तब भी...

Latest News

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।