Monday, October 2, 2023

Progressive Movement Tehreek

फ़ैज़ की जयंतीः ‘अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें, अब जिंदानों की खैर नहीं’

उर्दू अदब में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का मुकाम एक अजीमतर शायर के तौर पर है। वे न सिर्फ उर्दू भाषियों के पसंदीदा शायर हैं, बल्कि हिंदी और पंजाबी भाषी लोग भी उन्हें उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत करते हैं।...

Latest News

काशी भी हुई कवि-पत्रकार मुकुल की आवाज में शामिल, अवार्ड के साथ किताब पर चर्चा

वाराणसी। सच कहने में सर कटने का ख़तरा है चुप रहने में दम घुटने का ख़तरा है ऐसे शेर कहने वाले कवि-पत्रकार...