शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है, लेकिन…
प्रभाष जोशी ने कहा था- आने वाले कई वर्ष प्रतिक्रियावादी छद्म और संकीर्ण हिंदुत्व के साल होंगे
आधुनिक हिंदी पत्रकारिता को नई दिशा, भाषा और तेवर प्रदान करने वाले चर्चित पत्रकार, सामाजिक-राजनीतिक चिंतक प्रभाष जोशी की आज…
पुण्यतिथिः साहित्य में दलित और स्त्री को विमर्श तक ले आने वाले राजेंद्र यादव विवादों से कभी हारे नहीं
हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो…
पुण्यतिथि पर विशेषः साहिर का ‘वह सुबह कभी तो आएगी…’ बन गया था मेहनतकशों का तराना
साहिर लुधियानवी एक तरक्कीपसंद शायर थे। अपनी ग़ज़लों, नज़मों से पूरे मुल्क में उन्हें खूब शोहरत मिली। अवाम का ढेर…
पुण्यतिथि पर विशेषः इस्मत चुग़ताई को कुर्रतुल ऐन हैदर ने कहा था, ‘लेडी चंगेज़ खां’
उर्दू मॉडर्न कहानी के चार स्तंभ रहे हैं। कृश्न चन्दर, राजिंदर सिंह बेदी और सआदत हसन मंटो। चौथा कंधा जनाना…
पुण्यतिथिः महाराष्ट्रियन सांस्कृतिक चेतना के चितेरे थे अमर शेख
अमर शेख एक आंदोलनकारी लोक शाहीर थे। वे जन आंदोलनों की उपज थे। यही वजह है कि अपनी जिंदगी के…