शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है, लेकिन शानी न तो किसी के दुश्मन हो सकते थे और न ही वे शायर थे। हां, अलबत्ता उनके लेखन...
आधुनिक हिंदी पत्रकारिता को नई दिशा, भाषा और तेवर प्रदान करने वाले चर्चित पत्रकार, सामाजिक-राजनीतिक चिंतक प्रभाष जोशी की आज 5 नवंबर को पुण्यतिथि है। प्रभाष जोशी का शुमार उन संपादकों में होता है, जिन्होंने हिंदी के पत्रकारों को...
हिंदी साहित्य को अनेक साहित्यकारों ने अपने लेखन से समृद्ध किया है, लेकिन उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं, जो अपने साहित्यिक लेखन से इतर दीगर लेखन और विमर्शों से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए। कथाकार राजेंद्र यादव का...
साहिर लुधियानवी एक तरक्कीपसंद शायर थे। अपनी ग़ज़लों, नज़मों से पूरे मुल्क में उन्हें खूब शोहरत मिली। अवाम का ढेर सारा प्यार मिला। कम समय में इतना सब मिल जाने के बाद भी साहिर के लिए रोजी-रोटी का सवाल...
उर्दू मॉडर्न कहानी के चार स्तंभ रहे हैं। कृश्न चन्दर, राजिंदर सिंह बेदी और सआदत हसन मंटो। चौथा कंधा जनाना था। इस अकेले स्तंभ में इतनी ताक़त रही कि उन्हें मदर ऑफ़ मॉडर्न स्टोरी कहा गया। वह चंगेज़ खां...
अमर शेख एक आंदोलनकारी लोक शाहीर थे। वे जन आंदोलनों की उपज थे। यही वजह है कि अपनी जिंदगी के आखिरी समय तक वे आंदोलनकारी रहे। देश की आजादी के साथ-साथ ‘संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन’ और ‘गोवा मुक्ति आंदोलन’ में...