Friday, April 19, 2024

Ram Rahim

राम रहीम को अब हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नहीं मिलेगी पैरोल, हरियाणा सरकार को फटकार 

गुरमीत राम रहीम को लगातार पैरोल मिलने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि क्यों केवल राम रहीम को बार-बार पैरोल मिल रही है? बाकी कैदियों...

पंजाब: सिख और डेरा प्रेमी आमने-सामने

बलात्कार और दो हत्याओं की दोहरी उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा सिरसा के मुखिया गुरमीत राम-रहीम सिंह को 40 दिन की पैरोल पर छुट्टी तो हरियाणा ने दी है लेकिन इसे लेकर तनाव पंजाब में...

डेरा सच्चा सौदा का यह कैसा सफ़र

1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना शाह मस्ताना ने की। 1990 में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह ने गद्दी संभाली। 1998 में गांव बेगू का एक बच्चा डेरा की जीप तले कुचला गया। गांव वालों के साथ डेरा का विवाद हो...

आज की सुबह पहले जैसी न थी, हवाओं में खून से सनी गंध महसूस की जा सकती थी

चालीस साल की बसासत का एक शांतिप्रिय शहर पल भर में तहस नहस हो जाता है। 28 लोगों के खून से सनी मेरे इस खूबसूरत शहर की मिट्टी का दर्द क्यों कोई जाने। उन्हें बस जुमलेफेंकने आते हैं। अजीबो-गरीब तर्क देने आते हैं। वे कुर्सी पर काबिज रह कर भी जवाबदेही से बचना चाहते हैं। प्रश्न गहरे हैं और हमारी बेचैनियां उस से भी ज्यादा गहरी हैं। क्योंकि उन प्रश्नोंके उत्तर हमारे पास नहीं हैं।  हमने एक अरसे से एक आदत बना रखी है कि धर्म और संस्कृति से जुड़े सवालों को हम या तो अंधभक्ति से सुलझाना चाहते हैं या राजनेताओं की बिसात परबिछी शतरंज की चालों के द्वारा। दोनों तरीकों से प्रश्न और उलझते हैं।  हम और अकेले हो जाते हैं। संस्कृति के मानवीय मूल्य तक हमारा साथ छोड़ने की हद तक चले गए दिखाई देते हैंऔर हमारे साथ जो खेल खेला जा रहा होता है उसके नायक या तो व्याभिचारी बाबा होते हैं या भ्रष्ट राजनेता। इन दोनों की मिलीभक्त से मेरे प्रिय शहर का जो हाल हुआ उसे मैंने अपनीआँखों से देखा। इन आँखों में अब आंसू भी नहीं हैं। आँखे बस घूर रही हैं अजनबी हो गयी मानवीय संवेदनाओं को। किस के पास इसका उत्तर है? मन बहुत आहत है... कल के घटनाक्रम से मन आहत है। आज की सुबह पहले जैसी न थी। हवाओं में खून से सनी गंध महसूस की जा सकती थी। अखबारों के पन्ने बलात्कारी बाबा और नकारा सरकार की...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।