Monday, October 2, 2023

Rashtriya Sahara

स्मृति शेषः यहीं कहीं हैं, कहीं गए नहीं हैं अरुण

स्वर काफी धीमा था पर आवाज अरुण की ही थी, वो अस्पताल से लौटे थे पहली बार, कमल भाई, समय लगेगा मगर मैं ठीक हो जाऊँगा। अपने पर घनघोर विश्वास ही अरुण की ताकत थी। यह अक़ीदा उनमें बार-बार...

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