Friday, March 29, 2024

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क्या भारत में धर्मनिपेक्षता अतीत का अवशेष बन गई है ?

करोड़ों भारतीय आतुर थे कि हमारे देश के खिलाड़ी टोक्यो ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन करें और अधिक से अधिक संख्या में पदक लेकर स्वदेश लौटें। अनेक भारतीय खिलाड़ियों ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित खेल स्पर्धा में पदक जीते। परन्तु...

हिंदुत्व की भ्रामक अवधारणा के बरक्स विवेकवादी परंपरा

भारत की विवेकवादी परंपरा में लोकायत प्राचीनतम परंपराओं में से एक है जिसे तांत्रिक बौद्ध और वेदांती हिंदुत्व के अनुयायियों द्वारा बहुत बदनाम किया गया है और बड़ा नुकसान पहुंचाया गया। संसार के प्रति इनका दृष्टिकोण अपने समय के...

समान नागरिक संहिता फिर जेरे बहस है!

समान नागरिक संहिता पर बहस पुनः शुरू हो गयी है, पर समान नागरिक संहिता का प्रारूप क्या होगा और किस प्रकार से एक बहुलतावादी देश में नाना प्रकार के धर्मों, सम्प्रदाय, जाति, वर्ण और क्षेत्र के बीच समानता के...

प्यू के सर्वे में सामने आयी भारतीय समाज की कूढ़मगजता

इलमों बस करीं ओ यार इक्को अलफ तेरे दरकार पढ़ पढ़ लिख लिख लावें ढ़ेर ढ़ेर किताबा चार चुफेर गिरदे चानण, विच्च हनेर पुच्छो रहा ते खबर न सार.. (तुमने बहुत ज्यादा ही पढ़ाई कर ली है, तुम्हें एक ही कायदा सीखने की जरूरत है,...

‘मुस्लिम साहित्य’ से धर्मांतरण सरकार का नया शिगूफ़ा

मेरे घर में गीता है तो क्या यह हिन्दू साहित्य है?  मेरे पास घर में बाल्मीकि रामायण है तो क्या यह हिन्दू साहित्य है?  मेरे पास सत्यार्थ प्रकाश भी है तो क्या यह हिन्दू साहित्य है? क्या इनसे मेरा धर्मांतरण कराया जा...

क्या लाइलाज है इस देश में जातिवाद की बीमारी?

इस देश में आज से 70 साल पहले लागू किए गए संविधान, जिसको 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था और भारतीय राष्ट्रराज्य उसी दिन एक गणतंत्र बन गया था, में प्रथम पृष्ठ पर यह स्पष्टता से लिखा...

लक्षद्वीप को बीजेपी क्यों कर रही है बर्बाद

आज पिछले एक महीने से लक्षद्वीप अशांत है, वहां के लोग एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। जो क्षेत्र अब तक अनजाना और अछूता सा था  एकाएक उबलने लगा है। आम भारतीयों के लिए तो यह द्वीप अब...

पुण्यतिथि पर विशेष: राजनेता ही नहीं, वैज्ञानिक भी थे पंडित नेहरू

“विज्ञान ही भूख, गरीबी, निरक्षरता, अस्वच्छता, अंधविश्वास और पुरानी दकियानूसी परंपराओं से मुक्ति दिला सकता है।’’ यह महत्वपूर्ण संदेश पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के दस वर्ष पूर्व दिए एक भाषण के दौरान दिया था। आज जब हम कोरोना के...

धर्म की राजनीति का ध्वजारोहण देखती जनता, अस्पतालों के बाहर लाश में बदल रही है

अस्पताल और श्मशान में फ़र्क़ मिट गया है। दिल्ली और लखनऊ का फ़र्क़ मिट गया है।अहमदाबाद और मुंबई का फ़र्क मिट गया है। पटना और भोपाल का फ़र्क़ मिट गया है।  अस्पतालों के सारे बिस्तर कोविड के मरीज़ों के लिए...

भारतीय समाज में मार्क्स से पहले सैकड़ों हजारों ज्योतिबा की जरूरत है

वैश्विक संदर्भों में कई बार ये सवाल उठता है कि आखिर भारत में इतनी असमानता और गरीबी होने के बावजूद, ये तबका वर्ग संघर्ष की कसौटी पर एकजुट क्यों नहीं हो सका? इतनी बड़ी संख्या में मजदूर और गरीब...

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मुख्तार अंसारी की मौत का सच आएगा सामने, कोर्ट ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद बांदा के...