अमर शहीद सुखदेव- भाग 1: समाजवादी क्रांतिकारी आंदोलन का एक गौरवशाली स्वर्णिम पृष्ठ

भारत के तीन महान समाजवादी क्रांतिकारी – सुखदेव (पूरा नाम: सुखदेव थापर – जन्म 15 मई 1907 – शहादत दिवस 23 मार्च 1931 -लुधियाना, पंजाब), भगत सिंह (जन्म 28 सितंबर 1907 – शहादत दिवस 23 मार्च 1931 – गाँव…

फासीवाद को सबसे बड़ा खतरा कला से लगता है: मयंक सक्सेना

(कवि, पटकथा लेखक, पत्रकार और एक्टिविस्ट मयंक सक्सेना का आज निधन हो गया। उन्हें अस्थमा की बीमारी थी। इस बीच…

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह: नारा तब भी इंकलाब था- नारा आज भी इंकलाब है

‘जो कोई भी कठिन श्रम से कोई चीज़ पैदा करता है, उसे यह बताने के लिए किसी खुदाई पैगाम की…

कॉरपोरेट साम्प्रदायिक फ़ासीवाद, कट्टरपन्थ और पुनरुत्थानवाद को निर्णायक शिकस्त ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि

सबसे ख़तरनाक होता है  मुर्दा शांति से भर जाना  न होना तड़प का सब कुछ सहन कर जाना  घर से…

शहीद क्रांतिकारी जतिन दास की शहादत के मौके पर जेल की समस्याओं को लेकर पत्रकार रूपेश अनशन पर

रांची। सरायकेला खरसावां जेल में बंद पत्रकार रूपेश कुमार सिंह ने आज क्रांतिकारी जतिन दास की शहादत के मौके पर…

बीहड़ के लिए मिसाल बनी चंबल क्रिकेट लीग, खेल-खेल में क्रांतिकारियों का भी हो रहा बखान

जालौन। किसी भी खेल का आयोजन कराया जाता है तो मकसद मनोरंजन या खेल को बढ़ावा देने जैसा ही होता…

गेंदालाल दीक्षित की पुण्यतिथि: एक भूला बिसरा क्रांतिकारी और उसके साहसिक कारनामे

देश की आज़ादी कई धाराओं, संगठन और व्यक्तियों की अथक कोशिशों और कुर्बानियों का नतीज़ा है। गुलाम भारत में महात्मा…

हिमाचल: दो क्रांतिकारी विद्रोहियों को न मिला उचित सम्मान और न ही स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा

हिमाचल प्रदेश की सुकेत रियासत के राजाओं का शासन बेहद क्रूर और आम जनता का शोषण करने वाला रहा है।…

जयंती पर विशेष: अकेले को सामूहिकता और समूह को साहसिकता देने वाले धूमिल

सुदामा पाण्डेय यानी धूमिल ताउम्र जिन्दा रहने के पीछे मजबूत तर्क तलाशते रहे। कहते रहे ‘तनों अकड़ो अपनी जड़ें पकड़ो,…

जयंती पर विशेष : व्यवस्था के खिलाफ मुक्तिबोध में दबा बम धूमिल में फट पड़ा!

‘क्या आजादी सिर्फ तीन थके हुए रंगों का नाम है, जिन्हें एक पहिया ढोता है या इसका कोई मतलब होता…