सरकार अमीरों को मुफ्त में जहाज से घर पहुंचा आई और गरीब पैदल यात्रा पर
एक तिहाई आबादी सदा पाखंड यात्राओं और पाखंड के अड्डों पर भटकती रही। लाख समझाओ मगर बुद्धिहीनों की भीड़ कहां समझने वाली है। हर प्राकृतिक [more…]
एक तिहाई आबादी सदा पाखंड यात्राओं और पाखंड के अड्डों पर भटकती रही। लाख समझाओ मगर बुद्धिहीनों की भीड़ कहां समझने वाली है। हर प्राकृतिक [more…]
मयस्सर नहीं उसे दो कौर निवाले, गर्मी हो बरसात हो या पड़े पाले वो छांव ढूंढता है,वो ठांव ढूंढता। कैसे कहूं की देश आजाद है [more…]