आर्थिक सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ का लेखा जोखा पेश करता है। इसलिए सबकी निगाह उसी तरफ लगी रहती है। देश जिस राह में चल रहा है और चलना चाहता है उसकी एक बानगी उसमें दिखाई देती है।...
हमेशा की तरह एक बार फिर देश में क्रिकेट का आइटम सॉन्ग कहे जाने वाले 20-20 का भोंडा प्रदर्शन शुरू हो चुका है। क्रिकेट की लोकप्रियता और भारतीय जनमानस की उत्सवधर्मिता के चलते इसमें कोई बहुत वाद-विवाद या विमर्श...
यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने अपने समय में कहा था, लोकतंत्र तब है जब अमीर लोग नहीं बल्कि ग़रीब लोग शासक होते हैं।
जब हाल में मशहूर समाजकर्मी वकील प्रशांत भूषण को वरिष्ठ जजों के आचरण पर, लोकतंत्र के सन्दर्भ में,...
लॉकडाउन से देश को बाहर निकालने की जल्दबाजी में मोदी सरकार नज़र आयी तो इसकी एक वजह थी मजदूरों का गुस्सा। भूखे पेट पैदल चलते, गुस्सा दिखाते, प्रदर्शन करते मजदूरों की आवाज़ तेज होने लगी थी। कोरोना थमने का...
1857 के characterisation पर और चाहे जो भी बहसें हों, यह तो निर्विवाद है कि यह अंग्रेजों के खिलाफ हिंदुस्तानियों की लड़ाई थी, मजहब की सीमाओं के पार। गंगा-जमनी तहज़ीब की बुनियाद पर लड़ी गई, साझी शहादत की वह...
भारत में कोरोना का रोग गरीब लेकर नहीं आए। रिक्शा चलाने वाले लोगों का इसमें कोई कसूर नहीं है। छोटे शहर हों या फिर गांव- उनका कोरोना फैलाने में कोई हाथ नहीं है। देश में कोरोना हवाई जहाज से...
एक तिहाई आबादी सदा पाखंड यात्राओं और पाखंड के अड्डों पर भटकती रही। लाख समझाओ मगर बुद्धिहीनों की भीड़ कहां समझने वाली है। हर प्राकृतिक आपदा के समय लुटेरे मुनाफाखोरी, कालाबाजारी पर उतर जाते हैं और धर्मखोर हालात सुधरने...
मयस्सर नहीं उसे दो
कौर निवाले, गर्मी हो बरसात हो या पड़े पाले
वो छांव ढूंढता है,वो ठांव ढूंढता।
कैसे कहूं की देश आजाद है मेरा, गरीबी ने उसके पांवों में डाल दिये ताले।।
ये चार लाइन की
पंक्तियां मेरे मन के उदगार हैं...