आज के समय में जातिगत जनगणना और “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” जैसे विषय राजनीति के ज्वलंत मुद्दे…
मौजूदा दौर में क्यों जरूरी है सावित्रीबाई फुले को याद करना
शिक्षा मनुष्य में ऐसे गुणों का विकास करे जो उसे बेहतर इंसान बनाए। देश का बेहतरीन नागरिक बनाए। एक ऐसा…
आज भी बनी हुई है सावित्रीबाई फुले के विचारों की प्रासंगिकता
वाराणसी/जौनपुर। भारत देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के विचारों की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। सावित्रीबाई फुले…
लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिए जरूरी है सावित्री बाई फुले की विचारधारा
आज जब लोकतंत्र पर अघोषित तानाशाही हावी होती जा रही है और संवैधानिक मूल्यों की उपेक्षा की जा रही है…